उँगलियाँ (Fingers On Hand) | Hast Rekha Gyan

उँगलियाँ

उँगलियाँ (Fingers On Hand) | Hast Rekha Gyan

सभी के हाथो में उंगलिया यानि Fingers होती है और इन उंगलियों से व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता लगाया जा सकता है।  उंगलियों के मध्य अंतर , उंगलियों का टेढ़ी होना, उंगलियों का बड़ी या छोटी होना बहुत कुछ बताता है। 

हाथ  देखते समय उंगलियों का अध्ययन बहुत महत्व रखता है। उंगलियों का भली-भाँति निरीक्षण करना चाहिए तत्पश्चात् फलादेश देना चाहिए।

सीधी उंगलिया

किसी भी व्यक्ति के हाथ में सीधी उंगलियां होना एक अच्छे गुण की निशानी है। यदि व्यक्ति की सारी उगली सीधी हों तो व्यक्ति धनी, सफल, सरल हदय व निरन्तर उन्नति करने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्तियों के मार्ग में रुकावटें कम आती हैं। प्रकृति इनका अधिक साथ देती है। अन्य रेखाएं भी अच्छी होने पर या उंगलियों के आधार समतल होने पर ऐसे व्यक्ति बहुत शीघ्र व विशेष उन्नति करते देखे जाते हैं।

उंगलियां टेढी होने पर यदि हाथ उत्तम कोटि का हो तो ऐसे व्यक्ति अन्य ढंग से खोज कार्य करते हैं और शीघ्र ही अपना जीवन बना लेते हैं। ऐसे व्यक्तियों के प्रत्येक कार्य क्रान्तिकारी होते हैं। 

दो या अधिक उंगलियों के आधार यदि समान हों तो व्यक्ति के जीवन में उन्नति के अधिक अवसर उपस्थित होते हैं। यदि तीन या चार उंगलियों के आधार नीचे से बिलकुल समतल अर्थात् सरल रेखाओं में हों तो ऐसे व्यक्ति धन, देश व समाज में अपनी गिनती रखते हैं। हाथ की उंगलियों के पोरों से जीवन के वर्षों की गणना की जाती है। अत: इस सिद्धान्त के अनुसार हाथ के जिस पोर पर आड़ी रेखा स्पष्ट रूप से होती हैं, व्यक्ति को उस आयु में किसी न किसी दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है। यदि सभी उंगलियों में 3 के स्थान पर 4 पोर हो तो यह जेल यात्रा का योग होता है ৷ उंगलियों में छेद होना क्रान्तिकारी होने का लक्षण है।

ऐसे व्यक्ति भी कार्य में अपना महत्व दशतेि हैं। ये दबकर नहीं रहते, स्वतन्त्र विचारों की व स्पष्टवक्ता होते हैं। उगलियों में छिद्र होना, हाथ के चमसाकार होने का प्रमुख लक्षण है। अत: ऐसे व्यक्ति विविध विषयों के ज्ञात होते हैं, चाहे दक्षता किसी एक विषय में ही हो। उगलियां सीधी होने के साथ-साथ यदि नुकीली भी हों तो यह व्यक्ति के चरित्र में कलात्मकता का चिन्ह है। ऐसे व्यक्तियों का मस्तिष्क कल्पनाशील, विचारशील तथा प्रकृति प्रेमी होता है। मस्तिष्क रेखा में दोष होने पर ऐसे व्यक्ति पदाई में अधिक रूचि नहीं लेते। नुकीली उंगलियां होने के साथ-साथ हाथ भी कठोर हो तो परिवार में पेटदर्द, सिर में भारीपन, दौरे पड़ना, टांगों में दर्द रहना आदि बीमारिया किसी न किसी को अवश्य पाई जाती है। 

दोनों हाथों को सामान्य रूप से सीधा रखने पर जिस उंगली का पोर दूसरी उंगलियों के पोर की अपेक्षा अधिक उभरा दिखाई देता है, यह उस उंगली के ग्रह सम्बन्धी विशेष महत्व का लक्षण है। जैसे बृहस्पति की उंगली का पोर उभरा होने पर अहम्, बातचीत में गम्भीरता और महत्वाकांक्षा, शनि की उंगली का पोर उभरा होने पर धन की लालसा, अध्यात्म विषय में जिज्ञासा तथा रहस्य जानने की अभिलाषा, सूर्य का पोर उभरा होने पर प्रतिष्ठा, यश, आकांक्षा तथा सबसे सुन्दर व्यवहार ख चिन्तनशीलता तथा बुध की उंगली का पोर उभरा होने पर वक्तृत्व शक्ति में संक्षिप्तता, सुन्दर व प्रभावशाली गुणों का द्योतक है। सत्य तो यह है कि इनके कहने की शैली विचित्र होती है।

छोटी उंगलियां

इस प्रकार की उंगलियों वाले व्यक्ति निजी लाभ की ओर अधिक ध्यान देने वाले होते हैं। ये पहले स्वयं के विषय में सोचते हैं तथा बाद में समाज आदि के विषय में सोचते हैं। उदार भावनाओं का विचार करने वाले होते हैं। हाथ उत्तम होने पर पतली व छोटी उंगलियों वाले व्यक्ति समझदार, विवेक से खर्च करने वाले तथा हर परिस्थिति को अपने नियन्त्रण में रखने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति अधिक सन्तान पैदा करना पसन्द नहीं करते तथा व्यर्थ में घूमना, इधर-उधर समय बिताना या दूसरों पर निर्भर रहना इनकी पसन्द नहीं होता। ऐसे व्यक्ति वही काम करते हैं जो इन्हें लाभप्रद लगता है। ऐसे व्यक्तियों के पास नकद पैसा अधिक पाया जाता है।

शिक्षा के विषय में सोचते समय ये पहले शिक्षा के मूल्य की ओर ध्यान देते हैं। अत: इस प्रकार की शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिसमें आगे चलकर लाभ हो। प्राय: ऐसे व्यक्ति व्यापारिक शिक्षा में प्रवेश करते हैं।

इनके मित्र अधिक नहीं होते। मित्र बनाते समय भी ऐसे व्यक्ति यह ध्यान रखते हैं कि भविष्य में इनसे लाभ ही होना चाहिए। जिन स्थानों पर या जिन व्यक्तियों से इनको हानि होती है, वहां से ये दूर ही रहते हैं। ऐसे व्यक्ति मित्रों से लाभ उठाते हैं।

लम्बी उंगलियां

लम्बी उंगलियों वाले व्यक्ति उदार, शान्त, निश्चिन्त, परिवार की सहायता करने वाले, चरित्रवान व दयालु होते हैं। ऐसे व्यक्ति जगत मित्र होते हैं। ये अपना काम छोड़कर मित्रों के लिए घूमते रहते हैं। भाग्य रेखाएं अधिक होने पर ऐसे व्यक्ति यदि धनी भी हों तो उदार, दानी व दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं।

लम्बी उंगलियों वाली स्त्रियां शीघ्र ही दूसरों के प्रभाव में आ जाती हैं, अतः चरित्र सम्बन्धी हानि उठाने का डर रहता है। ऐसी स्त्रियों को पुरुषों से अधिक नहीं मिलना-जुलना चाहिए।

लम्बी उंगलियों वाला व्यक्ति धन की ओर अधिक ध्यान नहीं देता परन्तु बृहस्पति विशेष उन्नत होने पर ऐसे व्यक्ति मोटी रिश्वत खाने वाले होते हैं। उगलियां लम्बी होने के साथ-साथ यदि पतली भी हों तो व्यक्ति काफी बुद्धिमान होता है। लम्बी उंगलियों वाला व्यक्ति अपने कार्य को बहुत ही उत्तरदायित्व के साथ पूर्ण करता है। उंगलियां पतली होने पर ऐसे व्यक्ति नया तरीका निकालकर अपने कार्य की देखभाल करने वाले होते हैं। वास्तव में लम्बी उगलियों वाला व्यक्ति सच्वा मानव कहलाया जा सकता है। शुक्र उठा हुआ होने पर व्यक्ति में कामवासना अधिक होती है, परन्तु लम्बी उंगलियों वाले कामवासना को दबा कर रखते हैं। अत: ऐसे व्यक्तियों को कलंक बहुत कम लगता हैं। ये सफाई पसन्द होते हैं। ऐसे व्यक्ति सम्पति आदि देर से ही बना पाते हैं, क्योंकि धन देर से बचता है। अंगूठा बड़ा होने पर इस गुण में और विशेषता आ जाती है। लम्बी उंगलियां होने पर यदि अंगूठा भी लम्बा हो तो ऐसे व्यक्ति सत्य संकल्प वाले होते हैं।

लम्बी उंगलियां होने पर यदि शनि की उंगली अधिक लम्बी, चन्द्रमा या शनि विशेष उन्नत हो तो ऐसे विरक्त प्रवृत्ति के होते हैं। इन्हें अपने परिवार सन्तान, पत्नी या किसी से भी कोई विशेष लगाव नहीं होता। मानव-मात्र से प्रेम करने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्तियों की सहानुभूति कम बुद्धि वाले व्यक्तियों के प्रति अधिक देखी जाती है। ये शान्त स्वभाव ही होते हैं। परिवार में विशेष दायित्वपूर्ण स्थान होने पर ये स्वयं हानि उठा लेते हैं।

मोटी उंगलियां

उंगलियों का मोटा होना कम बुद्धिमान होने का लक्षण है। उंगलियां जिंतनी ही मोटी होंगी व्यक्ति में उतना ही कम बौद्धिक विकास पाया जाता है। ऐसे व्यक्ति वहमी, क्रोधी, दयालु, सरल, तानाशाह, जल्दबाज व चिड़चिड़े होते हैं हाथ दोषपूर्ण होने पर ऐसे व्यक्ति चोर, विशेष क्रोधी, कत्ल करने वाले होते हैं। फौज या मेहनत के कार्य करने वाले जैसे किसान, मजदूर आदि के हाथों में मोटी उंगलियां ही पाई जाती हैं। ऐसे व्यक्ति परिणाम की चिन्ता नहीं करते। क्रोध आने पर या मन में निश्चय होने पर उचित या अनुचित विचारे बिना कार्य कर डालते हैं।

उंगलियां मोटी होने पर यदि अंगूठा छोटा हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत जल्दबाज होते हैं। इन्हें जल्दबाजी से हानि ही होती है। भाग्य रेखा अन्य रेखाओं की अपेक्षा मोटी हो तो ऐसे व्यक्ति बुरी तरह से बरबाद हो जाते हैं। अंगूठा कम खुलना इस दोष को और अधिक बढ़ा देता है। भाग्य रेखा दो या दो से अधिक होने पर या भाग्य रेखा की स्थिति जीवन रेखा से दूर होने पर इतनी परेशानी नहीं होती। ऐसे व्यक्ति लिहाज तो करते हैं, परन्तु स्पष्टवक्ता होते हैं, अत: इन्हें कोई श्रेय नहीं मिलता। बृहस्पति की उंगली छोटी होने पर निश्चित ही ऐसा कहा जा सकता है।

मोटी उंगलियों वाले व्यक्ति ईमानदार, अनुशासित व मेहनती होते हैं। नौकर होने पर ये अपना काम समाप्त करने पर ही सांस लेते हैं। बात को बार-बार कहना या सुनना पसन्द नहीं करते, फलस्वरूप घर में बिना बात के झगड़ा खड़ा रहता है। ये सम्मान को बहुत अधिक महत्व देते हैं, अत: अपना इस्तीफा जेब में लिए धूमते हैं। अपनी ईमानदारी के खिलाफ ये कुछ भी नहीं सुन सकते। ये अति भावुक होते हैं। थोड़ी देर में प्रेम व्यवहार व थोड़ी देर में ही कहा-सुनी की नौबत आ जाती है। कोई भी बात मस्तिष्क में आने पर या किसी घटना के घटने पर लम्बे समय तक उस विषय में सोचते रहते हैं। 

उंगलियां मोटी व लम्बी, बृहस्पति के नाखून बराबर, अंगूठा चपटा, चौड़ा व लम्बा हो तो ऐसे व्यक्ति क्रोधी व स्पष्टवक्ता होते हैं तथा इनकी आर्थिक स्थिति भी उत्तम होती है। इनके विचार अपनी सन्तान व माता-पिता से नहीं मिलते। इन्हें जायदाद सम्बन्धी मुकद्दमें लड़ने पड़ते हैं और ये लम्बे समय तक चलते हैं। इनकी सन्तान घर छोड़ कर भागती है। उगलियां कम खुलने वाली या लचीली हों तो भागे हुए बच्वे देर से वापस लौटते हैं।

पतली उंगलिया

मोटी उंगलियों की अपेक्षा पतली उंगलियों का होना मानवता व श्रेष्ठ बुद्धि का लक्षण होती हैं। ऐसे व्यक्ति सतर्क, बुद्धिमान, अच्छे-बुरे को सोचकर चलने वाले, हर प्रकार का ज्ञान रखने वाले, किसी चीज की गहराई से छानबीन करने वाले तथा दयालु होते हैं। इनमें मानव सुलभ गुण पाये जाते हैं। ये क्रोधी भी नहीं होते। समय के अनुसार व्यवहार करना इनके चरित्र का प्रमुख गुण है। मजाक भी ये इस प्रकार से करते हैं कि दूसरों को बुरा न लगे अन्यथा चुप ही रहते हैं। उंगलियां जितनी ही पतली होती हैं, व्यक्ति में उतना ही अधिक बौद्धिक विकास देखा जाता है। इनमें वासनात्मक लक्षण होने पर भी ये गलत काम नहीं करते, क्योंकि बदनामी से डरते हैं। पतली होने के साथ-साथ उंगलियां छोटी भी हो तो सोने पे सुहागे का काम करती हैं। पतली उंगलियों वाले व्यक्ति समाज में विशेष स्थान रखते हैं। पत्नी की नौकरी कराना या पत्नी का पुरुषों में बैठना आदि बिल्कुल पसन्द नहीं करते। ऐसे व्यक्ति स्वयं भी अनुशासित होते हैं और दूसरों को भी अनुशासन में रखना पसन्द करते हैं। लेन-देन, व्यवहार, बातचीत सभी कुछ सोच समझकर करने वाले होते हैं। ये एक बार सम्बन्ध बनाने के पश्चात् बिगाड़ते नहीं। हर व्यक्ति से इनके सम्बन्ध स्थायी होते हैं।

उंगलियांपतली व लम्बी होने पर व्यक्ति आदर्शवादी, सदैव दूसरों की हित-कामना करने वाले, व्यवहारिक, मधुर, लेन-देन में स्पष्ट, दूसरों को प्रोत्साहित करने वाले, बीमारी, विद्या व शादी आदि के सम्बन्ध में सहायता, दूसरों के हित के लिए औषधालय, स्कूल आदि की स्थापना करने वाले होते हैं। बृहस्पति की उंगली सूर्य की उंगली से लम्बी हो तो ये अत्यधिक सम्मान प्राप्त करने वाले होते हैं। शनि की उंगली सीधी व लम्बी हो तो प्राचीन शास्त्रों का अध्ययन, संस्था का निर्माण या शास्त्रों का पुनरोद्धार करने वाले होते हैं। सूर्य व शनि की उंगलियां बराबर होने पर ये समाज के लिए धरोहर छोड़ कर जाते हैं। बुध की उंगली सूर्य की उंगली के तीसरे पोर से लम्बी होने पर परिवार व समाज के लिए और अधिक विशेषता उत्पन्न करती है। बुध की उंगली छोटी, टेदी और पतली हो तो व्यक्ति सामान्य से अधिक चालाक होता है।

कोमल या लचीली उंगलियां

 जो उंगलियां स्वाभाविक रूप से खुलने पर पीछे की ओर मुड़ जाती हैं तथा नरम होती हैं, उन्हें लचीली उंगलियां कहा जाता है। उंगलियां लचीली होने पर व्यक्ति बुद्धिमान व सहनशील होता है। लचीली उंगलियां मोटी हों तो मोटेपन के कारण दुर्गुणों में कमी हो जाती है। ऐसे व्यक्ति सभी से प्रेम करते हैं, परन्तु यदि किसी के प्रति इनका सद्भाव न रहे तो यह जीवन भर उसकी शक्ल देखना भी पसन्द नहीं करते, सम्बन्ध पूर्णतया समाप्त कर लेते हैं। वैसे ये दयालु स्वभाव कं व उदार होते हैं। इस दशा में यदि मस्तिष्क रेखा में दोष हो या जीवन रेखा का झुकाव चन्द्रमा की ओर हो या जीवन रेखा की कोई शाखा चन्द्रमा पर जाती हो तो इनके परिवार में से कोई न कोई व्यक्ति घर छोड़ कर भागता है या कुछ समय के लिए बिना सूचना दिए कहीं चला जाता है। जीवन रेखा के अन्त में बड़ा द्वीप होने पर भी ऐसा फल कहा जा सकता है। उगलियां पतली व लचीली होने पर घर छोड़कर जाने वाले शीघ्र ही लौट आते हैं।

कठोर या न झुकने वाली उंगलियां

इस प्रकार की उंगलियां व्यक्ति के चरित्र में विचारों की स्थिरता, स्पष्टवादिता, क्रोध व लगन का समावेश करती हैं। हाथ अच्छा होने पर व्यक्ति में गुण और दोषपूर्ण होने पर व्यक्ति में क्रोध, विचारों में विशेष दृढ़ता अर्थात् जिद्द की सूचना देता है। अंगूठा भी यदि झुकने वाला न हो तो ये मन में जो भी निश्चय कर लेते हैं, उसे किसी भी भूल्य पर पूरा करके ही छोड़ते हैं। ये विचारों, व अनुशासन के सख्त होते हैं तथा कोई गलती होने पर माफ नहीं करते। घर में इनका एक छत्र साम्राज्य होता है। किसी में भी इनके सामने बोलने की हिम्मत नहीं होती और न ही यह अपने कार्य में किसी को हस्तक्षेप पसन्द करते हैं हाथ में बुद्धिभता के लक्षण होने पर ये बुद्धिमान व सफल होते हैं तथा मूर्खता व निम्न कोटि के चिन्ह होने पर असफल, क्रोधी, झगड़ालू या इस प्रकार के पाये जाते हैं। अंगूठा यदि खुलता भी कम हो और उंगलियां भी सख्त हों तो ये काम में अड़ने वाले होते हैं। अंगूठा अधिक खुलने पर या लचीला होने पर इस प्रकार के गुणों में कमी हो जाती है अर्थात् थोड़ी बहुत सहनशीलता आदि गुण भी व्यक्ति में आ जाते हैं।

 प्रथम उंगली लम्वी

अंगूठे के पास की प्रथम उगली तर्जनी, या बृहस्पति की उंगली कहलाती है। इसके छोटे-बड़े का ज्ञान करने के लिए इसकी तुलना सूर्य की अर्थात् तीसरी उंगली से की जाती है। सूर्य की उंगली बड़ी होने पर यह बड़ी और छोटी होने पर छोटी मानी जाती है। सूर्य की उंगली से आधा इंच या पौन इन्च छोटी होने पर ही यह छोटी मानी जाती हैं।

बृहस्पति की उंगली या प्रथम उंगली सूर्य की उंगली से लम्बी होने पर व्यक्ति में उदारता, सात्विकता, उत्तरदायित्व तथा महत्वाकांक्षा आदि गुण पाये जाते हैं। किए हुए कार्यों का भी इनको श्रेय मिलता है और यश प्राप्त करते हैं। ये सात्त्रिक तथा उत्तम कार्य करने वाले होते हैं। हाथ भारी, मांसल, गुलाबी अर्थात् उत्तम प्रकार का होने पर समाज में उत्तम स्थान ग्रहण करते हैं। इनकी सन्तान भी विशेष योग्य होती है। इनका कोई बच्चा मंत्री या इस प्रकार का पद ग्रहण करता है। नहीं तो समाज में किसी न किसी रूप में विशेष सम्मान तो प्राप्त करता ही है। बृहस्पति की उंगली लम्बी होने पर व्यक्ति धार्मिक व व्यवहारिक होते हैं। ये कोई भी अनैतिक कार्य नहीं करते, ये नहीं चाहते कि कोई भी इनके किए हुए कार्य पर टीका-टिप्पणी करे। अत: वृहस्पति की उंगली लम्बी होना एक विशेष उत्तम गुण है। इनको जीवन साथी का पूर्ण सुख प्राप्त होता है। उसकी आदत व स्वभाव भी ठीक होता है।

प्रथम उंगली छोटी

बृहस्पति की उंगली या प्रथम उंगली सूर्य की उंगली से छोटी होने पर अधिक खराब होती है। पतले या दोषपूर्ण हाथ में बृहस्पति की उँगली अधिक छोटी होने पर व्यक्ति अनैतिक कार्य करने वाले तथा सम्मानहीन होते हैं। दुराचारी, चोर, लफगे व अदमाश व्यक्तियों के हाथ में वृहस्पति की उंगली अधिक छोटी होती है। छोटी से तात्पर्य है, इसका शनि की उंगली के ऊपर के (अन्तिम) पोर के आसपास होना है। जब उंगलियां आपस में सटी हुई हों, समाज में दूषित कर्म करने वालों के हाथों में ऐसे लक्षण होते हैं।

प्रथम उगली छोटी होने पर व्यक्ति साधारणतया स्पष्टवक्ता व क्रोधी होते हैं। विशेष छोटी होने पर अधिक दयालु व उदार होते हैं, परन्तु ये किसी से भलाई नहीं पाते। इनके कार्य की आलोचना की जाती हैं। इनके साथ बैठने वाले भी इनकी आलोचना करते हैं, जिसका कारण व्यक्ति का अधिक स्पष्टवादी होता है। घर के झगड़ों के कारण ऐसे व्यक्ति अक्सर साधु बन जाते हैं। इनके घर में झगड़े का मुख्य कारण स्त्रियाँ होती हैं।

बृहस्पति की उंगली छोटी न होकर यदि तिरछी हो तो भी व्यक्ति को परिवार या सन्तान की परेशानी रहती है। सन्तान या तो नालायक होती है या मां-बाप की परवाह नहीं करती या परिवार कं किसी व्यक्ति से कोई न कोई कलह का कारण बना रहता है। शनि की उंगली का झुकाव बृहस्पति की उंगली की ओर होने पर यदि बृहस्पति की उंगली विशेष छोटी हो और बुध की उंगली तिरछी हो तो व्यक्ति चोरी, बदमाशी आदि के द्वारा पेट भरने वाले होते हैं। शुक्र उठा होने पर स्त्री के चक्कर में रहते हैं। लेकर भाग जाना, उनसे अनैतिक कार्य कराना आदि दोष होते हैं। गदा व्यवसाय जैसे शराब, गाजा, अफीम आदि कं द्वारा गुजारा करते हैं। अन्य दोषपूर्ण लक्षण होने पर और अधिक दोष पाये जाते हैं।

दूसरी उंगली

दूसरी उंगली या शनि की उंगली सूर्य की उंगली से आधा इन्च लम्बी होने पर यह लम्बी मानी जाती है। शनि की उंगली विशेष लम्बी होना उत्तम लक्षण है। ऐसे व्यक्ति संगीतप्रिय, कलाकार, एकांतवासी तथा ईश्वर चिन्तन में रूचि रखने वाले, जानवरों से प्रेम करने वाले, तथा निर्माणकर्ता होने पर सुन्दर वस्तु बनाने वाले, बाग-बगीचे आदि में रूचि रखने वाले होते हैं। शुक्र व चन्द्रमा विशेष उन्नत होने पर या मस्तिष्क रेखा का झुकाव चन्द्रमा की ओर होने पर व्यक्ति में साहित्य, कला, नाच-गान, संगीत सम्बन्धी विशेषता पाई जाती है।

शनि की उंगली सीधी होने पर यदि इसके बीच का पोर अन्य पीरों की अपेक्षा लम्बा हो तो व्यक्ति ज्योतिषी होता है। शनि की उंगली बिल्कल सीधी व लम्बी होने पर व्यक्ति धनी, सरल चित, ईश्वर प्रेमी व एकान्त में रहना पसन्द करते हैं, ईश्वर प्रेमी न होने पर पति-पत्नी एकान्त में रहना पंसद करते हैं। ये सफल होते हैं तथा इन्हें धन सम्बन्धी विशेष रूचि होती है और धनी रहते हैं। साधु होने पर महान सम्मान प्राप्त करते हैं। शनि की उंगली तिरछी होना व्यक्ति को लिए मानसिक अशान्ति का संकेत करती है। शनि की उगली का आधार अन्य उगलियों के बराबर हो तो व्यक्ति को प्रत्येक कार्य में अपेक्षाकृत शीघ्र सफलता प्राप्त होती है। शनि की उंगली लम्बी होने पर शुक्र मुद्रिका उंगलियों से दूर हो तो व्यक्ति गायन, नृत्य तथा साहित्य में रूचि रखता है तथा इनसे लाभ प्राप्त करता है। कभी-कभी ऐसे व्यक्ति न्यायाधीश भी देखें जाते हैं।

मंगल रेखा निर्दोष व पूर्ण होने की दशा में यदि शनि की उंगली लम्बी हो, भाग्य रेखा मोटी हो तो व्यक्ति खेती, बागवानी आदि को व्यापार से अपार धन-सम्पत्ति प्राप्त करता है। शुक्र प्रधान होने पर यदि शनि की उंगली लम्बी हो तो ऐसे व्यक्ति नाचने में रुचि रखते हैं। ये पुरुष होने पर स्त्री के और स्त्री होने पर पुरुष के कपड़े पहनने में विशेष प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। हाथ सुन्दर होने पर इस प्रकार की कला से प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। शनि की उंगली पर तिल होना धनी होने का लक्षण है। इनको अग्नि-पथ होता है। ऐसे व्यक्ति पृथ्वी से सम्बन्धित व्यापार जैसे खनन, कोयला आदि करते देखे जाते हैं।

तीसरी उगली

तीसरी उगली या सूर्य की उंगली सीधी होने पर व्यक्ति में आत्मसम्मान, प्रसिद्धि या महत्व की भावना अधिक पाई जाती है। दोनों हाथों में यदि केवल सूर्य की उंगली ही सीधी हो तो ये धन की अपेक्षा सम्मान को अधिक महत्व देते हैं। सूर्य की उंगली विशेष लम्बी होने पर व्यक्ति में भविष्य चिन्तन की वृद्धि हो जाती है, तथा सूर्य की उँगली तिरछी होने पर सम्बन्धियों के कारण से विरोध तथा मन-मुटाव रहता है। इनको सम्बन्धियों की सहायता अधिक्र करनी पड़ती है, नहीं तो उनके विरोध का सामना करना पड़ता है। सूर्य की उंगली बड़ी होने की दशा में व्यक्ति कपड़े आदि की दुकानदारी या कमीशन का कार्य करने वाला होता है तथा शनि की उंगली भी सीधी होने पर ये उत्तम कोटि के साहित्यकार पाए जाते हैं। सूर्य की उंगली पर तिल हो तो व्यक्ति को पहले बदनामी और बाद में प्रसिद्धि प्राप्त होती है। 

सामाजिक कार्य कर्ताओं के हाथ में सूर्य की उंगली उत्तम होती है। सूर्य व बृहस्पति की उंगलियां बराबर होने पर व्यक्ति साधु स्वभाव के होते हैं। यह लक्षण उत्तम कोटि के सन्यासियों में पाया जाता है। ऐसे व्यक्ति सभी से उदासीन होते हैं। न किसी से विशेष प्रेम होता है और न ही वैमनस्य। हाथ में सचरित्रता व ईश्वर प्रेम के विशेष लक्षण होने पर सूर्य की उंगली बृहस्पति की उंगली के बराबर हो तो ऐसे व्यक्ति उत्तम कोटि के साधक होते हैं और ज्ञान मार्ग का अनुसरण करते हैं। इन्हें पूर्ण प्रभु कृपा प्राप्त होती है। (नितिन कुमार पामिस्ट ) 

सूर्य व बृहस्पति की उंगलियां बरावर होने पर यदि शुक्र उठा, जीवन रेखा सीधी या इसी प्रकार के वासनात्मक होने के अन्य कारण हों तो ऐसे व्यक्ति विशेष चरित्रहीन होते हैं। भाग्य रेखा में दोष अर्थात् विशेष मोटी या द्वीपयुक्त, जीवन रेखा सीधी, मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे दोष होने पर वेश्यावृत्ति करने वालों का लक्षण है। सूर्य व बृहस्पति की उंगलियां बराबर होना गृहस्थ सुख में बाधक है। इनके जीवन साथी की मृत्यु हो जाती है या अविवाहित रहते हैं। (नितिन कुमार पामिस्ट )

चौथी उंगली 

चौथी उंगली या बुध की उंगली का अध्ययन हाथ में विशेष महत्व रखता है। अतः हाथ देखते समय इसका अध्ययन भी विशेष भारीकी से करना चाहिए। बुध की उंगली कुछ न कुछ तिरछी अवश्य ही होनी चाहिए। यह उंगली अधिक सीधी होने पर व्यक्ति सरल होते हैं। बुद्धिमान होते हुए भी अवसर के अनुसार आचरण नहीं कर पाते। ये समय के अनुसार अपने आपको ढालने में असमर्थ होते हैं।

बुध की उंगली विशेष सीधी होने से विवाह में रूकावट होती है। ये 29-30 वर्ष की आयु में शादी करते हैं। यदि विवाह रेखा उंगलियों के तथा इदय रेखा के पास हो तो विवाह शीघ्र होता है। बुध की उंगली पर तिल होना व्यक्ति को चोरी से हानि का संकेत है। (नितिन कुमार पामिस्ट )

बुध की उंगली विशेष तिरछी होने पर किसी एक रिश्तेदार से विशेष मन-मुटाव व विरोध रहता है। यदि प्राकृतिक रूप से हाथ खुलने पर बुध की उंगली अन्य उँगलियों से अलग रहती हो तो ऐसे व्यक्ति सम्बन्धियों से उदासीन रहते हैं, उनमें विशेष रूचि नहीं रखते और न ही उनसे विशेष प्रेम होता है। उनसे सहयोग आदि प्राप्त होने का तो प्रश्न ही नहीं उठता। इनके समक्ष कई बार जेल जाने के कारण उपस्थित होते हैं। विशेषतया सूर्य की उंगली की दूसरी गांठ से यह अलग हो तो ऐसा निश्चित कहा जा सकता है।

चौथी या बुध की उंगली (छोटी)

कई बार हाथ में बुध की उंगली विशेष छोटी अर्थात् सूर्य की उंगली के दूसरे पोर के मध्य तक देखी जाती है। बहुत छोटी बुध की उंगली व्यक्ति की उन्नति में रुकावट का कारण बनती है। ऐसे व्यक्तियों की आदत इधर-उधर करने की होती है, यदि ये लेखक हों तो अनेक पुस्तकों से सामग्री की चोरी करके अपनी पुस्तक लिख मारते हैं। यह लक्षण स्त्रियों के हाथ में विशेष दोषपूर्ण लक्षण है। ऐसी स्त्रियां इधर की उधर लगाकर लडाई-झगडा कराने वाली होती हैं तथा बहुत ही आसानी से गृहस्थ जीवन में प्रवेश करक दूसरों के गृहस्थ जीवन को अशान्त कर देती हैं। कई बार बुध की उंगली बहुत ही छोटी देखी जाती है। इसकी लम्बाई लगभग एक या डेढ़ इन्व की होती है। ऐसी उंगली व्यक्ति को बुरी आदत से बचाने का गुण रखती है। बुरी आदत कुछ समय तक होने पर भी ये उनके आदी नहीं होते।

बुध की उंगली छोटी होने के साथ टेढ़ी भी हो तो ऐसे व्यक्ति गुप्तचर होते हैं और अपने कार्य में विशेष दक्ष होते हैं। इन्हें इस कार्य में सम्मान मिलता है। बुध की उंगली छोटी होने पर यदि बृहस्पति की उंगली छोटी हो तो व्यक्ति अपनी जुबान का पाबन्द नहीं होता, परन्तु यदि हृदय व मस्तिष्क रेखाएं समानान्तर हैं तो उपरोक्त दुर्गुण नहीं पाये जाते। ये कई बार या तो अपमान सहन करते हैं या कोई असम्मानजनक कार्य करते हैं।

चौथी या बुध की उंगली (टेढ़ी)

बुध की उंगली तिरछी होने पर व्यक्ति चालाक, समय के अनुसार चलने वाला, अपना काम निकालने में चतुर, दूरदर्शी, कर्त्तव्यनिष्ठ, दूसरों पर निर्भर न रहने वाला, ताकिक व अपना भला-बुरा समझने वाला होता है। ऐसे व्यक्तियों को 32-33 वर्ष की आयु में मानसिक परेशानी होती है। हाथ पतला व रेखाओं में दोष होने पर ऐसे व्यक्तियों पर चोरी या चरित्रहीनता का लांछन लगता है। वैसे भी ये झूठ अधिक बोलने वाले व कामचोर होते हैं। हृदय रेखा में दोष हो या हाथ पतला हो तो व्यक्ति को बिना मतलब झूठ बोलने की आदत होती है। (नितिन कुमार पामिस्ट )

तिरछी बुध की उंगली का नाखून छोटा होने पर व्यक्ति में बौद्धिक विशेषता पाई जाती है। ये गूढ़ से गूढ़ विषय का सार एकदम निकाल लेते हैं। ऐसे व्यक्तियों की बुद्धि सरस्वती या बृहस्पति की तरह प्रखर होती है। बुध की उंगली टेढ़ी होने पर मस्तिष्क रेखा बहुत अच्छी हो तो दूसरों से हानि नहीं होती। उधार में गई हुई या डुची हुई रकम वापस मिल जाती है। ये दिन-प्रतिदिन उन्नति करते हैं किसी का विश्वास करना ये जानते ही नहीं। दूसरों पर निर्भर रहने वाले या विश्वास करने के अन्य लक्षण होने पर कुछ समय तक ये ऐसा जरूर करते हैं, परन्तु बाद में यह बात बिल्कुल समाप्त हो जाती है। बुघ की उंगली टेढ़ी होने पर यदि इसका नाखून भी चौकोर हो और मस्तिष्क रेखा मंगल पर हो तो व्यक्ति उच्च कोटि के तार्किक होते हैं और वकील बनते हैं। ऐसे वकील फौजदारी में अधिक रूचि रखते हैं। मस्तिष्क रेखा चन्द्रमा की ओर जाने की दशा में ये सिविल के मुकद्दमे लेते हैं। यदि बुध की उगली गांठदार हो तो तक उत्तम कोटि का होता है। इनमें झूठी बात को सत्य सिद्ध करने का गुण पाया जाता ।

बुघ की उंगली टेढ़ी होने पर शनि व सूर्य की उंगलियों के बीच में अन्तर होना, मस्तिष्क रेखा का मंगल से निकल कर मंगल क्षेत्र पर जाना, सामने के दांत विशेष बड़े होना, हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा पर मिलना या हृदय व मस्तिष्क रेखा एक होना, प्रत्येक उंगली में चार पोरो के चिन्ह होना जेल यात्रा करने के संकेत हैं। कोई एक भी लक्षण होने पर जेल यात्रा का भय होता है। एक से अधिक लक्षण होने पर निश्चित ही जेल यात्रा होती है।

बुध की विशेष टेढ़ी उंगली होने पर यदि हाथ छोटा, मोटा व निम्न कोटि का हो, उंगलियां टेढ़ी-मेढ़ी हों तो व्यक्ति झूठ बोलने वाला व चोर होता है। हृदय रेखा जंजीराकार हो, शनि पर गई हो, हाथ काला हो या भाग्य रेखा आदि से आन्त तक अत्याधिक पतली हो तो भी व्यक्ति चोर व घोरखेबाज होता है।

बुध की उगली विशेष टेढ़ी होने पर व्यक्ति बोलने वाला होता है। साहित्यकारों में बुध की उंगली तिरछी, हृदय रेखा दोषपूर्ण, शुक्र व चन्द्रमा उठे हों तो ये श्रृंगार-साहित्य का निर्माण करते हैं। इस दशा में हाथ में विशेष भाग्य रेखा होना अनिवार्य है। हाथ आदर्शवादी होने पर आदर्श सहित्य का निर्माण होता है। (नितिन कुमार पामिस्ट )

शनि व सूर्य की उंगली (बराबर)

शनि व सूर्य की उंगलियां बराबर या लगभग बराबर होने पर व्यक्ति में विशेष गुणों में वृद्धि करती हैं। इनको आगे होने वाली घटनाओं का पता लग जाता है अर्थात् इनमें अन्तज्ञान विद्यमान होता है। फलस्वरूप जुआ, सट्टा या व्यापार का सट्टा आदि कार्य करने में रूचि रखते हैं। मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण होने पर ये इस कार्य से लाभ नही उटा पाते अन्यथा ऐसे कार्य से इनको अचानक व अत्यधिक घन लाभ होता हैं। शनि व सूर्य की उंगलियां बिल्कुल सीधी होने पर व्यक्ति बहुत धनी, विख्यात् व सम्मान प्राप्त करने वाला होता है। दोनों उगलियां सीधी होने पर हाथ की उतमता सूर्य की भाति प्रकाशमय होती है। दोनों उगलियों के आधार समान होने पर ऐसे व्यक्ति सफल व्यापारी च धनी होते हैं। आधार में समानता से तात्पर्य दोनों उगलियों का आरम्भ लगभग एक सी उचाई से होना होता है। ये उद्योग, एजेन्सी व ठेकेदारी के कार्य में विशेष सफलता प्राप्त करते हैं। निश्चित ही है कि ये लगातार सफलता प्राप्त करते हैं और धनी बने रहते हैं।

शनि व सूर्य की उंगलियां नाखून की ओर से बराबर होने पर दो सूर्य रेखाएं हों, मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा व भाग्य रेखा में त्रिकोण हो तो इनको जुए, सट्टे, लाटरी आदि से अचानक व अत्यधिक धन लाभ होता है। मस्तिष्क रेखा व हृदय रेखा एक होने की दशा में भी अचानक धन प्राप्ति होती है, परन्तु बड़ा सट्टा लगाने पर, शनि व सूर्य की उंगलियां बराबर होने पर यदि अंगूठे के नीचे शुक्र रेखा हो और त्रिकोण से निकली हो तो पैतृक परम्परा या गोद से लाभ होता है। दोनों उंगलियां बराबर होने की दशा में यदि विवाह रेखा निर्दोष होकर विशेष लम्बाई लिए हो और बृहस्पति तक या बृहस्पति की ओर जाती हो तो ससुराल या किसी प्रेमी से धन का लाभ होता है। मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण होने पर इनके अन्तज्ञान से दूसरे लाभ उठाते हैं, स्वयं को इसका लाभ नहीं मिलता। (नितिन कुमार पामिस्ट )

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Answer: Yes, remedies and solution of problems are also included in this reading.


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Answer: Yes, gemstone recommendation is also included in this reading.


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Answer: Capture your palm images by your mobile camera 
(Take image from iphone or from any android phone) or you can also use scanner. 



Question: Give me sample of palm images so I get an idea how to capture palm images?

Answer: You need to capture full images of both palms (Right and left hand), close-up of both hands and side views of both palms. See images below.



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Answer: You need to mention the below things with your palm images:-
  • Your Gender: Male/Female 
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Question: How much the detailed palm reading costs?

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